आदिवासियों का एक ही बार बनेगा जाति प्रमाणपत्र, आजीवन रहेगा मान्य

झारखंड के जनजातीय समुदाय से आनेवाले लोगों का अब एक ही बार जाति प्रमाणपत्र बनेगा, जो आजीवन मान्य होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग जाति प्रमाणपत्र के लिए परेशान हैं। अगर खतियान में उनका नाम नहीं है तो अफसर ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामसभा तथा शहरी क्षेत्रों में वार्ड समितियों की अनुशंसा के आधार पर प्रमाणपत्र निर्गत करें। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जाति प्रमाणपत्र नहीं बनने की समस्या अब किसी भी कीमत पर राज्य मुख्यालय तक नहीं पहुंचनी चाहिए।
अफसर यह सुनिश्चित करें कि प्रमाणपत्र के लिए किसी को बार-बार कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को प्रोजेक्ट बिल्डिंग के नए सभागार में राज्य के बीडीओ और सीओ के लिए आयोजित कार्यशाला में संबंधित निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने इसी तरह किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तथा मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की ओर भी बीडीओ और सीओ का ध्यान आकृष्ट कराया।उन्होंने इन योजनाओं को गंभीरता से लेने तथा किसानों के आवेदन पर एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने अफसरों को मिशन मोड में कार्य करने तथा दलित और आदिवासी किसान पर विशेष फोकस करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को जुलाई में योजना की पहली तथा दुर्गा पूजा के समय दूसरी किस्त देने का लक्ष्य निर्धारित किया है, ताकि वे न खेती के लिए खाद, बीज व अन्य संसाधन जुटा सकें।

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