यूपी की ब्‍यूरोक्रेसी में ‘जेम्‍स बॉन्‍ड’ कहे जाते हैं डॉ. प्रभात कुमार, जानें UPPSC के नए चीफ के बारे में

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (UPPSC) को नया चेयरमैन मिल गया है. रिटायर्ड IAS डॉ. प्रभात कुमार के नाम पर राज्‍यपाल राम नाईक ने मुहर लगा दी है. पिछले कुछ सालों में भ्रष्‍टाचार के चलते आयोग की साख पर बट्टा लगा है, जिसके बाद डॉ. प्रभात की नियुक्ति से प्रतियोगी छात्रों की उम्‍मीदें बढ़ गई हैं.
कौन हैं IAS डॉ. प्रभात कुमार?
डॉ. प्रभात कुमार की छवि तेजतर्रार अफसर की रही है. वे जिस विभाग में रहे, भ्रष्‍टाचार के दीमक को दूर करने की कोशिश करते रहे. घोटालों की शिकायतें जांचने में बड़ी तेजी दिखाने वाले कुमार को प्रदेश की नौकरशाही में ‘जेम्‍स बॉन्‍ड’ कहा जाता है.
जब कुमार मेरठ के कमिश्‍नर और यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन थे, तब उन्‍होंने अरबों रुपये के घोटाले का खुलासा किया था. मास्‍टर प्‍लान से बाहर जाकर मथुरा में करोड़ रुपये की जमीन खरीद ली गई थी. जांच कराने के बाद डॉ. प्रभात कुमार ने एफआईआर दर्ज करवाई और आरोपियों को जेल भिजवाया.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का चेयरमैन रहते हुए डॉ. प्रभात कुमार ने बिसरख में बाहरी लोगों को करोड़ों रुपये की जमीन के लीजबैक के मामले में केस दर्ज कराया था. UPSIDC में जमीन आवंटन में गड़बड़ी भी डॉ. कुमार ही सामने लाए थे.
बेसिक शिक्षा के अपर मुख्‍य सचिव पद पर रहते हुए उन्‍होंने 2010 से लेकर 2018 तक हुई सभी भर्तियों के जांच के आदेश दे दिए थे. उसका असर ये हुआ कि दो सौ से ज्‍यादा टीचर्स के रिकॉर्ड फर्जी पाए गए और उन्‍हें बर्खास्‍त कर दिया गया.

More videos

See All