जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाना गलत: फारूक अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसद फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक का स्वागत किया है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि यह आरक्षण विधेयक अच्छा है. हम उसके खिलाफ नहीं हैं. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले लोग बहुत गरीब हैं. अगर उन्हें आरक्षण मिलता है तो यह बहुत अच्छा होगा. हालांकि उनका ये भी कहना है कि इससे दूसरे लोगों को मिल रहा आरक्षण प्रभावित नहीं होना चाहिए.
गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक और जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि 6 महीने और बढ़ाए जाने का प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया. बता दें कि जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक के तहत जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों के लिए शिक्षण संस्थाओं और सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का प्रावधान है. गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में पेश किया जाने वाला यह पहला विधेयक है.
राष्ट्रपति शासन पर अब्दुल्ला ने क्या कहा?
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि को बढ़ाना सरासर गलत है. जब प्रदेश में पंचायत और लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से सही हुए हैं तो यहां विधानसभा चुनाव अभी क्यों नहीं करा सकते? उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जितनी जल्दी चुनाव हो उतना वहां की आवाम के लिए अच्छा होगा.   
अमित शाह के JK दौरे पर अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसद फारूक अब्दुल्ला ने अभी हाल ही में संपन्न हुए गृहमंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे पर अपनी राय व्यक्त की. उन्होंने कहा कि अमित शाह देश के गृहमंत्री हैं, उन्होंने प्रदेश में कानून व्यवस्था और अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया. ये अच्छी बात है. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं खुद उन इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को देखने के लिए जाऊंगा.   

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