कांग्रेस में जारी है छग के लिए अध्यक्ष की तलाश

कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई के लिए नए अध्यक्ष की तलाश तेज हो गई है, रायपुर से लेकर दिल्ली तक मंथन का दौर जारी है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी राज्य के कई नेताओं से चर्चा भी कर चुके हैं और जल्दी ही नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान संभव है। 

राज्य में डेढ़ दशक बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई तो लोकसभा चुनाव में अपेक्षा के अनुरूप नतीजे नहीं आए। 11 लोकसभा सीटों में से सिर्फ दो पर ही कांग्रेस को जीत मिली है। मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद से ही भूपेश बघेल प्रदेशाध्यक्ष के पद से मुक्ति चाह रहे हैं। 

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में अमरजीत भगत, मोहन मरकाम और मनोज मंडावी के नामों की चर्चा जोरों पर है। इसको लेकर पार्टी में मंथन भी चल रहा है। इन तीन दावेदारों में से अमरजीत भगत को जहां भूपेश मंत्रिमंडल में जगह देने की तैयारी है तो मरकाम और मंडावी में से किसी एक को अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इस मसले पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी भी मरकाम व मंडावी से बात कर चुके हैं। 

पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के मसले पर चर्चा के लिए भूपेश बघेल भी बीते दिनों दिल्ली जाकर राहुल गांधी से चर्चा करने वाले थे, मगर उनकी माता की अचानक तबियत बिगड़ जाने के कारण दिल्ली दौरा अचानक निरस्त करना पड़ा था।

सरकार में मुख्यमंत्री बघेल के बाद राज्य के सबसे ताकतवर नेता और मंत्री टी एस सिंहदेव ने भी इशारों-इशारों में साफ कर दिया है कि अगला अध्यक्ष बस्तर से आदिवासी नेता हो सकता है, वहीं सरगुजा से नाता रखने वाले नेता को मंत्री बनाया जा सकता है। सिंहदेव ने अपनी मंशा से राहुल गांधी को भी अवगत करा दिया है। 

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राज्य का नया अध्यक्ष आदिवासी वर्ग से बनाया जाएगा इतना तो तय है। इसके चलते मरकाम व मंडावी में से किसी एक का बनना तय है।

छत्तीसगढ़ की राजनीति के जानकारों का कहना है कि पार्टी मंडावी और मरकाम में से ही अध्यक्ष चुनकर खुद को आदिवासी हितैषी बताने के साथ इस वर्ग में जनाधार बनाए रखना चाहती है। मरकाम के पक्ष में बड़ी बात यह है कि वे सिंहदेव व भूपेश बघेल दोनों के करीबी हैं। मरकाम के अध्यक्ष बनने पर किसी तरह के टकराव के आसार भी नहीं है। 

पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्य प्रभारी पी.एल. पुनिया भी ऐसे नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाना चाह रहे हैं, जिससे सत्ता और संगठन के बीच किसी तरह का टकराव न हो। इस संदर्भ में पुनिया की राहुल गांधी से भी चर्चा हो चुकी है, संभावना है कि जुलाई माह में राज्य विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले ही नए अध्यक्ष का ऐलान कर दिया जाएगा। 
 

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