AAP में बड़े बदलाव की तैयारी, केजरीवाल पंजाब के नेताओं के साथ करेंगे हार के कारणों पर मंथन

पंजाब में गुटबाजी की शिकार आम आदमी पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में पार्टी बड़ेे बदलाव की तैयारी है। पार्टी में पद लेकर काम न करने वालों को हाईकमान द्वारा बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है और उनकी जगह नए लोगों को जिम्मेदारी दी जा सकती है। 
दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार और भविष्य की योजनाओं पर मंथन के लिए 29 जून को पंजाब के नेताओं की दिल्ली में मीटिंग बुलाई है। इसमें पार्टी के प्रदेश प्रधान, सभी विधायकों, जिला प्रधान, हलका इंचार्ज और लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को बुलाया गया है। मीटिंग में पार्टी की गुटबाजी पर भी चर्चा होगी जिसके बाद संगठनात्मक ढांचे में बदलाव किया जाएगा। लोकसभा चुनाव के बाद चंडीगढ़ में मीटिंग की गई थी जिसमें ज्यादातर उम्मीदवारों ने पदाधिकारियों द्वारा समर्थन न करने की शिकायत की थी।
पार्टी के एक नेता ने संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की संभावना की पुष्टि करते हुए बताया कि महंगी बिजली के खिलाफ पार्टी द्वारा शुरू किए बिजली आंदोलन के जरिये भी पदाधिकारियों की सक्रियता परखी जा रही है, जो नेता व पदाधिकारी बिजली आंदोलन में पार्टी का साथ नहीं देंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। यह केजरीवाल के फैसले पर निर्भर करेगा कि वह क्या करते हैैं और पंजाब लीडरशिप को फैसले लेने का कितना अधिकार देते हैैं।
उल्लेखनीय है कि पंजाब में आप गुटबाजी की शिकार अब भी है। कई नेता सक्रियता नहीं दिखा रहे हैैं। इसके अलावा भुलत्थ (कपूरथला) से विधायक सुखपाल सिंह खैहरा छह विधायकों के साथ अपनी पंजाबी एकता पार्टी बना चुके हैैं। विधायक नाजर सिंह मानशाहिया व अमरजीत सिंह संदोआ कांग्रेस में शामिल हो चुके हैैं। इसके अलावा विधायक एचएस फूलका भी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैैं।

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