बिहार विधानमंडल का बजट सत्र आज से

बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के पास ढेर सारे मुद्दे हैं। ये मुद्दे उठाए भी जाएंगे। लेकिन विपक्ष कहीं न कहीं लोकसभा चुनाव की पराजय की पीड़ा में भी डूबा है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव महीने भर से गायब हैं। तेजस्वी की यह स्थिति मुख्य विपक्षी दल को आक्रमण के बदले बचाव की मुद्रा अपनाने के लिए मजबूर कर सकती है। 
विपक्ष सरकार को घेरने के बदले आपस में ही हिसाब करने में लगा है। ऐसे में आश्‍चर्य नहीं कि विपक्ष की धार कमजोर दिख रही है। लोकसभा चुनाव का परिणाम विपक्ष की दूसरी बड़ी पार्टी कांग्रेस की भूमिका को भी प्रभावित करेगी।  
सबसे बड़ा सवाल है कि क्या विपक्ष एकजुट होकर सरकार की नीतियों की आलोचना कर पाएगा? कांग्रेस ने तय किया है कि वह सरकार पर हमले के साथ अपनी स्वतंत्र पहचान बनाने की कोशिश भी करेगी। मतलब यह कि कांग्रेस विपक्ष का एजेंडा तय करेगी। अपेक्षा करेगी कि राजद और भाकपा माले के सदस्य उसका साथ दे। सदन में विपक्ष के नाम पर यही तीन दल बचे हुए हैं। 

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