रक्षा बलों के पास मौजूद युद्धक हथियारों का जायदा लेगें रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीनों सेनाओं के पास युद्ध की स्थिति से निपटने के लिए उपलब्ध हथियारों और बारूद का जायजा लेंगे। साथ ही वह इस बात की भी जांच करेंगे कि इन उपकरणों की कमी को दूर करने के काम में कितनी प्रगति हुई है। 
एक वरिष्ठ रक्षा सूत्र के अनुसार इस हफ्ते राजनाथ सिंह एक मीटिंग करने वाले हैं। जिसमें तीनों सेनाएं आपातकालीन प्रावधानों के तहत अपने पास मौजूद हथियार प्रणाली और महत्वपूर्ण उपकरण खरीदने के लिए सरकार द्वारा उन्हें दी गई वित्तीय शक्तियों के बारे में जानकारी देंगी।

बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद सरकार ने सेनाओं को अपनी जरूरत के अनुसार 300 करोड़ रुपये के उपकरण खरीदने और अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के तीन महीने के भीतर आवश्यक हथियार प्राप्त करने के लिए आपातकालीन शक्तियां दी थीं।
सेना के जवानों के हित सर्वोच्च प्राथमिकता
सशस्त्र बलों का वोट बैंक के रूप में उपयोग करने के कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि रक्षा तैयारी और सेना के जवानों के हित उनकी सरकार की "सर्वोच्च प्राथमिकता" है तथा "एक रैंक, एक पेंशन" सहित विभिन्न कार्यो के माध्यम से इसे सुनिश्चित किया जा रहा है।

शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने सेवा के दौरान घायल एवं निशक्त हुए जवानों को मिलने वाली पेंशन पर कर लगाने के हाल ही में जारी एक प्रपत्र का विषय उठाया। उन्होंने अभियान के दौरान जान गंवाने वाले केंद्रीय बलों के जवानों को 'शहीद' का दर्जा देने की भी मांग की ।

सदन में मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "रक्षा तैयारी और सेना के जवानों के हित उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।" उन्होंने कहा कि 40 वर्षो से सेना कर्मी एक रैंक, एक पेंशन की मांग कर रहे थे लेकिन उन्हें अंधेरे में रखा गया, गुमराह किया गया। इसे प्रभारी ढंग से हमारी सरकार ने लागू किया।" 

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