30 साल में पहली बार न हड़ताल न बंद, अकसर बड़े नेताओं के दौरे के दौरान होता था बंद या हड़ताल

गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी के बावजूद घाटी में उम्मीद के विपरीत बुधवार को किसी जगह हड़ताल या बंद नहीं रहा। कड़ी सुरक्षा के बीच जनजीवन सामान्य रहा। हालांकि, डल झील में रहने वालों को कुछ परेशानी जरूर हुई, क्योंकि बुल्वोर्ड रोड सामान्य वाहनों की आवाजाही के लिए बंद था। झील में भी नेहरू पार्क से आगे चार चिनारी तक नौका विहार को बंद रखा गया था।
बीते 30 सालों में यह पहला मौका है जब वादी में केंद्र सरकार के किसी बड़े मंत्री या नेता के आने पर किसी भी अलगाववादी संगठन ने बंद का एलान नहीं किया। वर्ष 1989 में कश्मीर में आतंकी हिंसा का दौर शुरू होने के साथ ही जब भी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गृह मंत्री समेत किसी भी प्रमुख राष्ट्रीय नेता का कश्मीर में आना हुआ तो अलगाववादियों और आतंकियों ने हमेशा दौरों का बहिष्कार कर बंद का एलान किया। इस दौरान कर्फ्यू जैसी स्थिति रहती थी। वहीं, अब बदलते हालात के बीच शाह के दौरे के समय किसी भी अलगाववादी ने कहीं भी बंद नहीं किया। यहां तक कि लोगों से जुलूस निकालने तक के लिए नहीं कहा।

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