उत्तराखंड में पंचायत चुनावों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 10 वीं पास

त्रिस्तरीय पंचायतों के मुखिया की कुर्सी का ख्वाब संजो रहे उन लोगों को सरकार ने झटका दे दिया है, जिनकी दो से अधिक संतान हैं। अब सिर्फ वे लोग ही पंचायत चुनाव लड़ पाएंगे, जिनके दो बच्चे हैं। पंचायती राज संशोधन विधेयक से उस छूट को हटा दिया है, जिसमें कहा गया था कि यदि किसी की दो से अधिक संतान हैं और इनमें से एक का जन्म दो बच्चों के प्रावधान के लागू होने के 300 दिन के बाद हुआ हो, वह चुनाव लड़ सकेगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव जीतने के बाद यदि किसी प्रतिनिधि की तीसरी संतान होती है तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी। पंचायत प्रतिनिधियों के लिए शैक्षिक योग्यता के निर्धारण पर भी सदन ने मुहर लगा दी है। 
त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम, क्षेत्र व जिला) के चुनाव में भी दो बच्चों के प्रावधान और शैक्षिक योग्यता के मानक को लागू करने के मद्देनजर मंगलवार को पंचायती राज एक्ट संशोधन विधेयक सदन में पेश किया गया था। विधेयक में दो से अधिक संतानों में से एक का जन्म दो बच्चों का प्रावधान लागू होने की तिथि के 300 दिन के बाद होने से असमंजस की स्थिति थी। आसन्न पंचायत चुनाव में कुछ लोगों को इसका फायदा मिल सकता था, मगर अधिकांश को नहीं। ऐसे में विरोध की आशंका भी थी। 

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