क्या जम्मू-कश्मीर से हटेगी 370 और 35 A? संसद में सरकार ने दिया ये जवाब

लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने का वादा किया था. बुधवार को सदन में जब सांसद प्रभात झा, छाया वर्मा, सुखराम सिंह यादव और विशंभर प्रसाद निषाद ने इसको लेकर सवाल किया. सरकार की ओर से जवाब दिया गया लेकिन इस जवाब से सरकार का इस मसले पर रुख स्पष्ट नहीं होता है. गृह मंत्रालय की ओर से दिए जवाब में हां भी नहीं कहा गया और इससे इनकार भी नही किया  गया.
दरअसल, सांसदों ने पूछा था कि सरकार का अनुच्छेद 370 और 35 ए पर क्या रुख है. आतंकवाद के खात्मे के लिए सरकार ने क्या रणनीति बनाई है. बीजेपी सांसद प्रभात झा ने राज्यसभा में पूछा - क्या अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता है. डिफेंस, विदेश और वित्तीय मामलों को छोड़कर अन्य सारे कार्यों के लिए क्या केंद्र को राज्य सरकार की मंजूरी लेनी पड़ती है. क्या अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधक है. अगर यह देश की एकता और अखंडता के लिए भी खतरा है तो क्या सरकार इसे हटाने पर विचार कर रही है. इस पर गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने जवाब दिया.
उन्होंने कहा कि-आर्टिकल 370 एक अस्थाई व्यवस्था है, जिसका भारतीय संविधान में अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्ध सम्बन्धी भाग 21 में उल्लेख है. वहीं अनुच्छेद 35 एक को लेकर बताया कि राष्ट्रपति के 1954 में जारी आदेश से इसे संविधान में दर्ज किया गया. गृह राज्य मंत्री ने बताया कि विशेष दर्जे के कारण राष्ट्रपति  राज्य सरकार से परामर्श के बाद आदेश जारी करते हैं. हालांकि अनुच्छेद 370 को हटाने और न हाटने को लेकर सरकार ने कुछ स्पष्ट जवाब नहीं दिया.

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