राजस्थानः क्या सचिन पायलट के सामने उतरेंगे राज्यवर्धन राठौड़, BJP अध्यक्ष की रेस में कई नाम

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसे दी जाए यह फैसला पिछले 20 सालों में बीजेपी के लिए कभी भी आसान नहीं रहा है. साल 2018 में जिन परिस्थितियों में मदन लाल सैनी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने थे उसे अगर ध्यान में रखा जाए तो तय माना जा रहा है अब उनके देहांत के बाद एक बार फिर पार्टी पर कब्जे को लेकर गुटबाजी देखने को मिल सकती है. सोमवार को मदन लाल सैनी का निधन होने के बाद से ही अटकलों का बाजार गर्म है कि बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष कौन बनेगा.
दरअसल, बीजेपी में राजस्थान में एकछत्र राज करने वाले भैरो सिंह शेखावत को दरकिनार कर जब वसुंधरा राजे को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था तब भारी विरोध हुआ था और उस वक्त से अब तक यही सिलसिला चल रहा है. चाहे ओम माथुर हों या अरुण चतुर्वेदी या फिर गुलाब चंद कटारिया, हर बार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के पद को लेकर घमासान चलता रहता है.
साल 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह का नाम प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए आने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खेमे के बीच खींचतान देखने को मिली थी. महीनों तक प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली पड़ा रहा और अंतत: कंप्रोमाइज कैंडिडेट के रूप में मदन लाल सैनी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए. सोमवार (24 जून) को मदन लाल सैनी ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. उनके देहांत के बाद अब एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.
कहा जा रहा है कि संघ का खेमा आमेर से विधायक सतीश पुनिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहता है. संगठन के कामकाज देख रहे चंद्रशेखर भी पुनिया के पक्ष में बताए जा रहे हैं. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चाहती हैं कि बीजेपी के राज्यसभा सांसद नारायण पंचारिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए. पंचारिया कमोबेश मदन लाल सैनी की तरह ही हैं जो संघ, वसुंधरा और पार्टी के बीच बराबर का संबंध रखते हैं.

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