आप योग करें लेकिन इतिहास और तथ्यों का शीर्षासन न कराएं- आनंद शर्मा

आनंद शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में क्यों जवाहर लाल नेहरू का नाम नहीं है. उन्होंने गांधी के साथ आजादी की लड़ाई की अगुवाई की और वह माफी लिखकर जेल से बाहर नहीं आए थे. जिस परिवार को आप कोसते हैं उसने अपना सब कुछ त्यागा था और जेल से ही किताबें लिखी थीं. आप योग करिए लेकिन इतिहास और तथ्यों का शीर्षासन मत कराइये. शर्मा ने कहा कि वो कौन लोग थे जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन को कुचलने के लिए अंग्रेजों को लिखकर दिया था, हमें सच्चाई न समझाएं. वो श्यामा प्रसाद मुखर्जी थी जो बाद में पंडितजी के कैबिनेट में भी रहे. शर्मा ने सरदार पटेल और नेहरू के रिश्तों को मजबूत बताते हुए बीजेपी के नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि कम से कम सरदार पटेल की बातों को तो याद रखते. इसी तरह उन्होंने नेहरू के निधन पर अटल बिहार वाजपेयी की ओर से दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी कही बातों को याद रखना ही अटलजी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
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आनंद शर्मा की कांग्रेस की शासन में बने आईआईटी जैसे संस्थानों का जिक्र करते हुए कहा कि 2004 से 14 तक देश की अर्थव्यवस्था को चार गुना करने वाला दुनिया का पहला देश मनमोहन सिंह की अगुवाई में बना था. उन्होंने कहा कि आप सिर्फ 5 साल में दशमलव 8 फीसदी ही जीडीपी बढ़ाए पाए हैं बाकी की जीडीपी क्या साथ लेकर आए थे. कैसे बातें इस अभिभाषण में कही गई हैं. देश की जीडीपी लगातार गिर रही, बरोजगारी बढ़ी है, किसान की हालत ठीक नहीं है, ऐसा न्यू इंडिया मत बनाओ.

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