डीआईजी बोले- तबरेज की मौत मामले में सरायकेला पुलिस दोषी, पूरे डिपार्टमेंट की पिटी भद्द

सरायकेला के धातकीडीह गांव में मॉब लिंचिंग के शिकार हुए तबरेज अंसारी मामले में डीआईजी कुलदीप द्विवेदी ने माना है कि सरायकेला पुलिस इस मामले में सीधे तौर पर दोषी है। ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाकर थाना लाने के बाद चोरी के आरोपी तबरेज के बयान पर मारपीट करने वालों के खिलाफ पुलिस को केस दर्ज कर कार्रवाई करनी चाहिए थी, जो नहीं की गई। पुलिस ने किन परिस्थितियों में ऐसा किया, इसकी जांच की जा रही है। यह पुलिस की बड़ी चूक है। पूरे डिपार्टमेंट की भद्द पिटी है।
तबरेज के चाचा माे. मसरूर ने बताया कि तबरेज को लोगों ने पहले बेरहमी से पीटा। जब उसने पानी मांगा, तो लोगों ने उसे धतूरे का रस पिला दिया, जो एक तरह का जहर है। मामले काे फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए।

मृतक की पत्नी शाहिस्ता परवीन ने जिला पुलिस-प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाई। शाहिस्ता ने कहा कि मेरे शौहर बेकसूर थे। एक सोची-समझी साजिश के तहत चोरी का आरोप लगाकर उन्हें मार दिया गया। 17 जून को रात 10 बजे पति ने फोन करके बताया था कि वह जमशेदपुर से खरसावां लौट रहे है। उसके बाद उनका फोन नहीं लगा। सुबह 5 बजे फोन कर बताया कि धातकीडीह में लोगाें ने चोरी का इल्जाम लगाकर उनकी बेरहमी से पिटाई की है।
धातकीडीह की घटना से जान बचाकर भागे खरसावां के कदमडीहा गांव के नुमेर अली (17 वर्ष), पिता-उमर अली एवं मो. इरफान (18 वर्ष) पिता-मो. नजीर अब भी लापता है। उनके परिजनों को कोई खबर नहीं है। नुमेर के पिता उमर अली का कहा कि घटना के दो दिन पहले 15 जून को नुमेर ने मनोहरपुर के दिघा गांव पुताई का काम करने की बात कहकर घर से निकला था। उसके बाद से उसका कहीं पता नहीं चला है।

More videos

See All