जानिए कौन हैं आकाश आनंद, जिन्हें मायावती ने सौंपी BSP की बड़ी जिम्मेदारी

बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश को पार्टी का नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया है. दरअसल लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मायावती के साथ हर मंच पर नजर आने वाले आकाश आनंद उनके भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. चुनाव से पहले मायावती ने ये संकेत दे दिए थे कि आकाश उनके उत्तराधिकारी हो सकते हैं.

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बीएसपी का स्टार प्रचारक बनाया था. इसी साल 12 जनवरी को सपा से गठबंधन का ऐलान वाला दिन हो या फिर मायावती का जन्मदिन. लखनऊ में बहनजी के बर्थडे के कार्यक्रम में आकाश लगातार उनके साथ थे. इसके अलावा अखिलेश यादव जब मायावती से मिलने उनके घर पहुंचे थे तब भी आकाश मायावती के बगल में मौजूद थे.

लंदन से किया MBA
बता दें कि बीएसपी के नेशनल कॉर्डिनेटर बनाए गए आकाश ने लंदन के एक बड़े कॉलेज से एमबीए की डिग्री हासिल की है. उनके निजी जीवन के बारे में बहुत कुछ सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर नहीं है. लेकिन कहा जाता है कि उनके कहने पर ही मायावती ने ट्विटर पर एंट्री की थी. यूथ को लुभाने के लिए ही उन्हें पार्टी का स्टार प्रचारक बनाया गया था.

सहारनपुर की रैली में हुए लॉन्च 
2017 में यूपी विधानसभा चुनाव हारने के बाद सहारनपुर की रैली में मायावती ने उन्हें लॉन्च किया था. इसके बाद कई रैलियों में वो माया के साथ मंच पर दिखे थे. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी वो माया-अखिलेश की संयुक्त रैली में मंच पर दिखे थे. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने बीएसपी के लिए रणनीति बनाई थी. समझा जा रहा है कि आने वाले समय में आकाश पार्टी में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

युवा वोटरों की पसंद
बसपा के सूत्र बताते हैं कि उपचुनाव में वह प्रचार और संगठन में मायावती के साथ सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं. खासकर युवा और नए वोटरों के बीच बीएसपी को पहुंचाने में मायावती आकाश की मदद ले सकती हैं. बता दें कि बहुजन समाज पार्टी में सांगठनिक स्तर पर कई अहम बदलाव किए गए हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार को एक बार फिर पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. वहीं मायावती के भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक (नेशनल कोऑर्डिनेटर) की जिम्मेदारी दी गई है.

डिप्टी सीएम ने कसा तंज
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने इसे लेकर बीएसपी पर तंज कसा है. मौर्य ने कहा कि सपा-बसपा और कांग्रेसी परिवारवादी पार्टियां है. उन्होंने कहा कि भाजपा में परिवारवाद नहीं हैं. हमारे यहां एक बूथ अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष पार्टी का प्रदेश और राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है.

मौर्य ने आगे कहा कि सपा-बसपा और कांग्रेस में तय है, कि जो भी उनके परिवार का सदस्य होगा वही भविष्य में उस पार्टी का मुखिया बनेगा. इसीलिए आज सपा-बसपा और कांग्रेस को जनता ने नकारते हुए भाजपा को अपना लिया है.
 

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