ईरान-US में बढ़ता तनाव: जानें, क्यों मोदी सरकार की बड़ी टेंशन

मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में नौकरियों के अवसर पैदा करने और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के साथ ही अपनी सामाजिक योजनाओं को भी आगे बढ़ाने की तैयारी में है। नई सरकार का पहला बजट पेश होने से पहले अमेरिका और ईरान के बीच तनाव ने एक नई टेंशन पैदा कर दी है। दरअसल, हॉर्मूज जलडमरू मध्य क्षेत्र में हालात बिगड़ने का असर तेल की कीमतों पर भी पड़ सकता है। अब तक तेल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं लेकिन हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ईरान पर हमले का आदेश देकर पीछे हटने की खबर सामने आने के बाद कच्चे तेल के बाजार में उछाल आ गया था। 
तेल की कीमतें स्थिर रहने से सरकार के लिए स्वच्छता, सबको घर, स्वास्थ्य, बिजली, गरीबों को मुफ्त LPG कनेक्शन जैसे सोशल प्रोग्राम्स पर भारी-भरकम खर्चा करने में आसानी हो रही है। अगर अमेरिका और ईरान में जंग के हालात बनते हैं और ऑइल मार्केट में खलबली देखी जाती है तो तेल के दाम बढ़ेंगे और ऐसे में सरकार के खजाने पर बोझ बढ़ेगा और इसका असर आम लोगों पर भी होगा। 

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