विधानसभा का मानसून सत्र: राजद का पिछलग्‍गू नहीं बनेगी कांग्रेस, अपना मुद्दा खुद तय करेगी

 विपक्षी दल के रूप में पिछले कई सालों से राजद द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर सक्रियता दिखाने वाली कांग्रेस 28 जून से आरंभ होनेवाले विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य सरकार के खिलाफ अपना आक्रामक रुख दिखाएगी। अपने मुद्दे खुद चिह्नित करेगी और उनके लिए राजद एवं अन्य विपक्षी दलों से सहयोग मांगेगी। पार्टी ने मुद्दों का चयन आरंभ कर दिया है। 
सूत्रों ने बताया कि मुजफ्फरपुर में एईएस से हो रही बच्चों की मौत और गया एवं औरंगाबाद आदि जगहों में लू से बड़ी संख्या में हुई मौत का मामला पार्टी सदन के अंदर जोरदार ढंग से उठाएगी। इन मुद्दों पर पार्टी राजधानी पटना और फिर जिलों में कैंडिल मार्च निकाल चुकी है। इसके अलावा गिरती विधि व्यवस्था की स्थिति और शिक्षा सुधार को लेकर भी कांग्रेस सदन में मुखर रहेगी।
संख्या के हिसाब से विधानसभा में राजद सबसे बड़ी पार्टी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी विभिन्न मुद्दों को उठाकर सरकार को घेरने का प्रयास करती है और उससे जवाब मांगती है। कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल राजद को समर्थन देते हैं। ऐसा भी कई बार देखा गया है कि राजद सदस्यों के किसी मसले पर अपनी सीट से खड़ा होकर विरोध जताने के समय उसे कांग्रेस के सदस्यों का अपेक्षित साथ नहीं मिलता है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम सदन में खुद को राजद का पिछलग्गू साबित नहीं करना चाहते। हम अपने मुद्दों का चयन करेंगे और कार्यस्थगन प्रस्ताव भी लाएंगे। 

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