झारखंड में मनरेगा घोटाला, चतरा में स्कूली बच्चों का बनाया जॉब कार्ड; पढ़ें घोटाले का पूरा सच
झारखंड में केंद्र की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना में किस तरह भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। आंख मूंदकर कागजों में फर्जीवाड़ा कर पैसे निकाले जा रहे हैं। इसकी बानगी चतरा में दिखाई दे रही है। यहां बिचौलियों ने मनरेगा की योजनाओं में लूट के लिए सरकारी स्कूली में पढऩे वाले नाबालिग बच्चों के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड बना कर उन्हें मजदूर बना दिया है। इसके बाद योजना मद की राशि का मिनी बैंक के जरिये उनके खाता से निकासी कर रहे हैं।
प्राय: इन स्कूली बच्चों की उम्र 12 से 15 साल के बीच है। इनमें से कुछ बच्चे छठी, सातवीं व आठवीं में पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन जॉब कार्ड में उनकी उम्र 19 से 28 वर्ष तक अंकित की गई है। मामला कान्हाचट्टी प्रखंड के करमा गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय और उत्क्रमित उच्च विद्यालय डगडगवा तुलबुल से जुड़ा हुआ है। इन दोनों विद्यालयों के दर्जनों छात्र-छात्रों के नाम जॉबकार्ड बनाया गया है। सबसे चौंकाने वाली बात है कि बच्चों के परिजनों को इसकी जानकारी नहीं है।
जब इस मामले की पड़ताल करने के लिए इन दोनों स्कूलों में पहुंचे तो नामांकन पंजी देखी। उसके बाद दैनिक जागरण की टीम ने मनरेगा में निबंधित संबंधित बच्चों के परिजनों से मुलाकात की। 13 वर्षीय अरुण भुइयां के पिता तिलेश्वर भुइयां का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। इसी तरह पूजा (15)की मां ने भी अनभिज्ञता जताई। कहा कि यह जानकारी नहीं है, उसकी बेटी के नाम पर जॉबकार्ड बनाया गया है। हां, कुछ समय पहले यह कहते हुए कुछ लोग उसे ले गए थे कि आधार में नाम सुधरवाना है। कई बार फार्म भरने के नाम पर उसे मिनी बैंक के ब्रांच में लेकर भी गए हैं। वहां क्या करवाया और कैसे पैसे निकाले मुझे नहीं मालूम।