बजट से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने की अर्थशास्त्रियों से अहम मुलाकात, पांच मुद्दों पर हुई चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अर्थशास्त्रियों के साथ बजट से पहले हुई महत्वपूर्ण बैठक में पांच अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। नीति आयोग द्वारा आयोजित इस बैठक में 40 अर्थशास्त्रियों और अन्य एक्सपर्ट ने भाग लिया। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण थी, क्योंकि एनडीए सरकार के पहले कार्यकाल में अर्थव्यवस्था औंधे मुंह गिरी है। जनवरी-मार्च के बीच देश की विकास दर 5.8 फीसदी तक ही पहुंच सकी थी। इस बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल थे। 
इस थीम पर थी बैठक
यह बैठक 'इकोनॉमिक पॉलिसी-द रोड अहेड' की थीम पर आयोजित की गई थी। बैठक के दौरान जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उनमें रोजगार और मैक्रो- इकोनॉमी, खेती व जल संसाधन, निर्यात, शिक्षा व स्वास्थ्य प्रमुख हैं। प्रधानमंत्री ने सभी लोगों को अर्थव्यवस्था से जुड़े जाटिल मुद्दों पर सुझाव देने पर धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी सरकार सभी मुद्दों पर दिए गए सुझावों को अमल में लाने का प्रयास करेगी। 
इन मुद्दों पर हुआ प्रेजेंटेशन
जिन मुद्दों को लेकर के बैठक में चर्चा और प्रेजेंटेशन हुआ, उनमें इंफ्रास्ट्रक्चर, खेती और बेरोजगारी प्रमुख हैं। इसमें सरकार को सुझाव दिया गया कि कैसे वो इन पर आगे का रोडमैप तैयार कर सकती है।
45 साल के उच्चतम स्तर पर बेरोजगारी
केंद्र सरकार ने पहली बार बेरोजगारी का आंकड़ा जारी कर दिया है। वित्त वर्ष 2017-18 में बेरोजगारी 6.1 फीसदी रही थी, जो कि पिछले 45 सालों (1972-73 के बाद) में सबसे ज्यादा है। इससे पहले एक अखबार ने भी इसी डाटा को लीक किया था। रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 5.3 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 7.8 फीसदी रही थी। इसी तरह, देशभर में 6.2 फीसदी पुरुषों के पास कोई रोजगार नहीं, जबकि 5.7 फीसदी महिलाएं बेरोजगार हैं। 

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