गुजरात हाई कोर्ट में याचिका: कच्छ में है पर्याप्त पानी, फिर जल संकट क्यों?

कच्छ में जरूरत भर पानी होने के बावजूद लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। यह दावा गुजरात में दाखिल की गई एक जनहित याचिका में किया गया है। याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की गई। इसमें दावा किया गया है कि जल संसाधन विभाग के मुतिबाक नर्मदा नहर और दूसरे स्रोतों के कारण पानी उपलब्ध है। बावजूद इसके लोगों, खासकर ग्रामीण और दूरवर्ती इलाकों में पीने का पानी नहीं पहुंच रहा। सरकार से याचिका पर 5 जुलाई तक जवाब मांगा गया है। 
यह याचिका राज्य कांग्रेस के उपाध्यक्ष आदम चाकी ने दाखिल की है। उन्होंने कहा है, 'हम कई बार कलेक्टर के पास गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हमने मौखिक और लिखित शिकायतें कीं, खासकर उन इलाकों में जहां लोगों को 15 दिन में एक बार पानी नहीं मिलता। उनके लिए परेशानी ज्यादा गंभीर है क्योंकि उन्हें अपने मवेशियों का भी ध्यान रखना होता है। भुज जैसे शहरों में लोगों को एक हफ्ते या पांच दिन में पानी मिलता है।' 

उन्हें जल संसाधन विभाग से मिले आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया है कि कच्छ को स्थानीय संसाधनों से 120 मिलियन लीटर पानी हर दिन मिलता है, नर्मदा से 350 MLD और दूसरे स्रोतों से 30 MLD। यानी की कुल 500 MLD पानी। हर दिन की जरूरत 450 MLD की है- 171 MLD ग्रामीण इलाकों में, 101 MLD शहरी इलाकों में और जानवरों के लिए 76 MLD पानी चाहिए होता है। उसके अलावा 102 MLD पानी औद्योगिक जोन्स में जाता है। 

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