नौकरी में सामाजिक-आर्थिक आधार पर 10 अंक का अध्यादेश दोबारा जारी

नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर 10 अंक दिए जाए जाने का अध्यादेश एक बार फिर जारी किया गया है। क्योंकि अभी तक यह अध्यादेश विधानसभा में नहीं रखा गया है। वहां से पास होने के बाद ही यह कानून बन जाएगा। विधानसभा पास हुए बिना अध्यादेश 6 महीने में खत्म हो जाता है। इसलिए 13 जून को दोबारा से यह अध्यादेश जारी किया गया है। 
हालांकि इसमें परिवार में किसी के नौकरी में नहीं होने पर दिए जाने पर 5 अंकों पर सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव सुभाष लांबा ने एतराज जताया है। उनका कहना है कि यदि किसी का पिता नौकरी में है तो उसके बेटे का क्या कसूर है। उसे यह पांच अंक क्यों नहीं दिए जा रहे। परिवार में भाई नौकरी में होने पर दूसरे को नुकसान हो रहा है। जबकि भाई का परिवार अलग तक रहता है। एेसे में दूसरे भाई को नुकसान होना तय है।

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