इनेलो ने भारत सरकार को लिखा पत्र, जानिये क्या है वजह ?

इनेलो ने भारत सरकार को एक पत्र लिखकर इस बात पर विरोध जताया है कि अभी हाल में प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित वह बैठक जिसमें ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ को लेकर विभिन्न राजनैतिक दलों के साथ विचारविमर्श करना था, उसमें उसे आमंत्रित नहीं किया गया।
इनेलो ने याद दिलाया कि यह एक ऐसा विषय है जिसका संबंध राज्यों से उतना ही है जितना केंद्र से, इसलिए क्षेत्रीय दलों को ऐसे संवाद के लिए अवश्य बुलाया जाना चाहिए। इस विषय पर किसी भी संवाद को करते समय सभी मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दलों के विचारों को जानना आवश्यक हो जाता है।
यह एक ऐसा विषय है जिसके बारे में अतीत में भी विचारविमर्श किया गया है और इनेलो ने हमेशा यह कहा है कि भले ही ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ वित्तीय एवं अन्य मानदण्डों के आधार पर एक आकर्षक निर्णय लगता है लेकिन इस पर और अधिक गहन विचारविमर्श की आवश्यकता है।
इनेलो का मानना है कि लगभग सभी राज्यों की अपनी विशेष समस्याएं होती हैं जिनका एकसमान समाधान नहीं हो सकता। उसकी अपनी विशेषताओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग योजनाएं एवं समस्याओं के हल तलाश करने जरूरी हो जाते हैं। इसीलिए इतने महत्वपूर्ण विषय को लेकर जब प्रधानमंत्री राजनैतिक दलों से  संवाद कर रहे हों उसमें इनेलो जैसा दल जो राज्य में अनेक बार सरकार बना चुका हो, उसके विचार जानना भी नितांत आवश्यक हो जाता है।

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