दिल्ली में गहलोत के नाम से राजस्थान में मची खलबली में कितनी सच्चाई

कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफा देने बाद से नए अध्यक्ष को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी. संभावितों की लिस्ट भी लंबी थी लेकिन एक दिन पहले एक मीडिया रिपोर्ट में भावी अध्यक्ष की कतार में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत काे सबसे आगे बता दिया गया. यहां तक कहा गया कि गहलोत का नाम तय है और अब पार्टी कभी भी ऐलान कर सकती है. दिल्ली में गहलोत के नाम से राजस्थान में खलबली मची हुई है लेकिन पार्टी की ओर से इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है. अब सीडब्ल्यूसी के बैठक में ही पता चलेगा कि इसमें कितनी सच्चाई है.

राजनीति के 'जादूगर' गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के कयासों के साथ ही प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में प्रदेश के नए मुख्यमंत्री को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई. विधानसभा चुनाव से पहले टिकट बंटवारे और जीत के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर गुटबाजी और गहलोत-पायलट के बीच खुलकर सामने आई रार के बाद अब प्रदेश कांग्रेस में संभावित उठा-पटक में किस गुट को क्या मिलता है यह देखने वाली बात होगी. लेकिन प्रदेश संगठन में पांच साल पसीना बहाने वाले सचिन पायलट को सीएम की कुर्सी के रूप में मेहनत का फल मिलना इतना आसान भी नहीं होगा.

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो सीएम की कुर्सी तक पायलट के पहुंचने में सबसे पहली रुकावट तो खुद गहलोत ही हैं. क्योंकि मुख्यमंत्री पद छोड़ कर दिल्ली जाने को वे मुश्किल ही तैयार होंगे. यदि गहलोत दिल्ली गए तो भी सचिन पायलट की राह आसान नहीं होगी. दरअसल, पायलट की तरह तीन-चार और दावेदार हैं जो कांग्रेस में अपना खास दखल रखते हैं. और जिन्हें गहलोत या उनके समर्थक भी पायलट से अधिक तवज्जो देंगे.
पार्टी सूत्रों की मानें तो ऐसा होने पर पार्टी प्रदेश में किसी ब्राह्मण नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएगी. ऐसे में तीन बड़े चेहरे पायलट को सीधी चुनौती दे रहे हैं. इनमें सबसे बड़ा चेहरा विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी का है. डॉ. जोशी राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी में अपना खास मुकाम रखते हैं और राहुल गांधी के करीबी भी है. वहीं चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को भी पार्टी मौका दे सकती है. हालांकि फिलहाल यह कोरा कयास है क्योंकि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए न तो सीएम गहलोत के नाम का ऐलान हुआ है और न ही सचिन पायलट के सीएम बनने की तरफ कोई इशारा. राजनीतिक गलियारों में इस तरह की तमाम अटकलों पर विराम तब ही लग पाएगा जब सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर फैसला होगा.

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