एनडीए ने इस नेता का किला ही ढहा दिया !

लोकसभा के चुनाव में मोदी की सुनामी चली. और ऐसी चली कि सभी अनुमानों को धता बताते हुए भाजपा ने प्रचंड जीत दर्ज कर ली. भाजपा की बंपर जीत ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है. दिन ब दिन राजनीति घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है. चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के 6 में से 4 राज्यसभा सांसदों ने पार्टी छोड़ दी है. इन सभी ने भाजपा का दामन थाम लिया है.
एक समय था जब आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू की तूती बोलती थी. आज वे छुट्टियां मनाने विदेश क्या गए, उनकी पार्टी में मानो भूचाल आ गया. जी हां, टीटीपी के 4 राज्यसभा सांसद भाजपा में शामिल हो गए. इनमें सांसद सीएम रमेश, टीजी वेंटकेश, जी मोहन राव और वाईएस चौधरी शामिल हैं.
इन चारों सांसदों ने राज्यसभा में टीडीपी के भारतीय जनता पार्टी में विलय का प्रस्ताव पास किया और इसकी जानकारी राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को दी. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा पर निशाना साधा है और कहा कि टीडीपी को कमजोर करने की भाजपा के प्रयासों की वे निंदा करते हैं.
जब नायडू ने एनडीए से खींचा हाथ
चंद्रबाबू नायडू ने 2018 में एनडीए से अपना हाथ खींच लिया. केंद्र सरकार से अपने मंत्रियों के इस्तीफे दिलाए. उन्होंने कहा था कि वे 29 बार प्रधानमंत्री से मिलने के लिए दिल्ली आए, लेकिन उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया. वे आंध्र प्रदेश के लिए केंद्र से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे थे. लेकिन सच्चाई कुछ और ही थी.
जानकारों का मानना था कि वे विपक्ष के साथ मिलकर अपनी भूमिका तलाश रहे थे. लोकसभा चुनावों से पहले जब गठबंधन में भावी प्रधानमंत्रियों के नाम लिए जा रहे थे तो उसमें चंद्रबाबू का नाम भी शामिल था. लेकिन समय ऐसे बदला कि पहले विधानसभा चुनाव में करारी हार मिली और अब अपने ही नेताओं ने साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया.
 

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