कांग्रेस की टेंशन, राज्य सभा कैसे पहुंचें मनमोहन

राज्यसभा में कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को एक बार फिर से सदन में पहुंचाने के लिए पार्टी खासा जोर लगा रही है। अब तक असम से राज्यसभा सांसद रहे मनमोहन सिंह का 15 जून को ही कार्यकाल समाप्त हुआ है। माना जा रहा है कि कांग्रेस इस बार उन्हें तमिलनाडु से उच्च सदन भेजने की कोशिश कर रही है। इसके लिए पार्टी ने गठबंधन सहयोगी डीएमके से उसकी तीन में से एक सीट मांगी है। 
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सूबे की छह राज्यसभा सीटों पर इस महीने मतदान होना है। इनमें से तीन सीटें डीएमके के खाते में जा सकती हैं। इसके अलावा बाकी अन्य तीन सीटें फिलहाल राज्य की सत्ता पर काबिज एआईएडीएमके के हिस्से में जा सकती हैं। हालांकि यहां एक पेंच यह फंस रहा है कि डीएमके ने आम चुनाव से पहले ही एमडीएमके के मुखिया वाइको को एक सीट देने का वादा किया है, जबकि कांग्रेस ने भी अब अपने लिए एक सीट मांग ली है। 
यदि कांग्रेस की मांग पर डीएमके चीफ स्टालिन राजी हो जाते हैं तो उनकी पार्टी के खाते में महज एक सीट ही आ पाएगी। हालांकि सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की मांग पर डीएमके की ओर से गंभीरता से विचार हो रहा है। बीते लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और अन्य दलों के साथ गठबंधन कर उतरी डीएमके के पास ऐसी कोई मजबूरी नहीं है कि वह इस मांग को स्वीकार करे। 

हालांकि पीएम मनमोहन सिंह की उम्मीदवार की संभावना को लेकर पार्टी विचार कर रही है। बीते 15 जून को मनमोहन सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त हुआ है और अब असम में कांग्रेस के पास इतनी सीटें नहीं है कि वह राज्यसभा में अपने कैंडिडेट को भेज सके। इसके अलावा गुजरात में अमित शाह और स्मृति इरानी की सीटों पर चुनाव होना है, लेकिन यहां भी कांग्रेस को जीत का भरोसा नहीं है। 

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