प्रियंका-सिंधिया का इम्तिहान अभी बाकी, 7-6 के मुकाबले में कौन मारेगा बाजी?

लोकसभा चुनाव में हार के बाद जल्द ही उत्तर प्रदेश में एक बार फिर प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया का इम्तिहान होने वाला है. सूबे में खाली हुई 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है, जिसमें से प्रियंका गाधी के प्रभार वाले इलाके की 7 सीटें और सिंधिया के पश्चिमी यूपी की 6 सीटें हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद देखना होगा कि ज्योतिरादित्य -प्रियंका में से कौन अपना ट्रैक रिकॉर्ड सुधारने में सफल होता है?  
लोकसभा चुनाव के बाद अब उपचुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है. आम चुनाव में साथ लड़ने वाली सपा और बसपा ने अकेले उपचुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है. वहीं कांग्रेस ने भी चुनाव मैदान में अकेले जाने का फैसला किया है.
प्रियंका गांधी के प्रभार वाले क्षेत्र से सात विधायक इस बार सांसद बनने में सफल रहे हैं, जिसके चलते उनकी विधानसभा सीटें खाली हुई हैं. इनमें कानपुर के गोविंदनगर से सत्यदेव पचौरी, लखनऊ कैंट से रीता बहुगुणा जोशी, बांदा के मानिकपुर से आरके पटेल, बाराबंकी के जैदपुर से उपेंद्र रावत, बहराइच के बलहा से अक्षयवार लाल गौंड, प्रतापगढ़ से संगमलाल गुप्ता और अंबेडकरनगर के जलालपुर से रितेश पांडेय सासंद चुने गए हैं.  
पूर्वी उत्तर प्रदेश की कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव में बुरी तरह से फेल रही हैं. जबकि उन्होंने कई लोकसभा सीटों पर रैली करने के साथ-साथ रोड शो भी किया था. इतना ही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तक को अमेठी में हार का मुंह देखना पड़ा है. ऐसे में सात सीटों पर होने वाला उपचुनाव उनके लिए अपने राजनीतिक कुशलता को दिखाने के बेहतर मौका है.

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