200 करोड़ की शादी... स्थानीय लोगों को भी मिलेगा फ़ायदा या इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ले जाएगी सारा पैसा?

औली में गुप्ता ब्रदर्स की 200 करोड़ की शादी पर विवाद खड़ा हो गया है. सवाल उठ रहे हैं कि सरकार ने औली जैसी जगह में इतनी महंगी शादी की आसानी से परमिशन कैसे दे दी और पर्यटन विभाग ने नियम-कायदे कैसे ताक पर रख दिए. इस मामले का संज्ञान नैनीताल हाईकोर्ट ने भी लिया है और राज्य प्रदूषण बोर्ड को पर्यावरण को होने वाले नुक़सान का आकलन करने के आदेश दिए हैं. उधर पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि गुप्ता बंधुओं के लिए नियम-कायदों को ताक़ पर रख दिया गया है जबकि छोटे व्यवसाइयों के लिए इतनी शर्तें लगा दी जाती हैं कि वह काम ही नहीं कर सकते.
बीजेपी इस विवाह समारोह पर आपत्ति में षड्यंत्र देख रही है. पार्टी प्रवक्ता शादाब शम्स कहते हैं कि कुछ लोग सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और यह राज्य के हित में नहीं है. वह कहते हैं कि इस तरह की शादियों से उत्तराखंड ‘वेडिंग डेस्टिनेशन’ के रूप में विकसित होगा, इससे टूरिज्म इंडस्ट्री बढ़ेगी न कि नुक़सान होगा.
 पर्यटन व्यवसायी मंजुल रावत कहते हैं कि सरकार की नीति साफ़ नहीं हैं. सरकार को साफ़ करना चाहिए कि ईकोलॉजिकल बैलेंस बनाए रखने, स्थानीय लोगों की भागीदारी को लेकर उसकी नीति क्या है. सरकार को यह भी बताना चाहिए कि स्थानीय लोगों को भी कुछ कमाई होगी या बाहर से आने वाली एवेंट मैनेजमेंट कंपनी पैसा लेकर चली जाएगी.

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