मिशन 2020: महागठबंधन में प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू, जीतन राम मांझी ने मांगीं 36 सीटें

लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार से अभी महागठबंधन उबरा भी नहीं है कि इनके सामने नया संकट खड़ा हो गया है. महागठबंधन के लिए यह समय इस बात के लिए है कि हार की समीक्षा कर कैसे भविष्‍य में इसे मजबूत किया जाए? लेकिन, इसके बजाय अभी से ही महागठबंधन में विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे की प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. लोकसभा चुनाव में बिहार में कांग्रेस को छोड़कर महागठबंधन के किसी दल का खाता भी नहीं खुल पाया था, लेकिन जीरो पर आउट होने वाली पार्टियां अभी से विधानसभा चुनाव के लिए सीट पर दावेदारी कर रही हैं.

एक तरफ जहां उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा ने 27 सीटों पर चुनाव लड़ने की दावेदारी की है तो वहीं बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी की 'हम' ने भी 35 से 36 सीटों का दावा कर दिया है, जबकि लोकसभा चुनाव के नतीजे ने इन पार्टियों के वजूद पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है. यही वजह है कि बिहार में महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद को अपने सहयोगियों के दावे हजम नहीं हो रहे हैं.

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