विस चुनाव से पहले कुड़मी को मिले एसटी का दर्जा

कुरमी/कुड़मी विकास मोर्चा केंद्रीय समिति की बैठक रविवार को होटल गंगा आश्रम में हुई. मौके पर मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि कुरमी/कुड़मी (महतो) जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के लिए समाज कई वर्षों से लगातार संघर्ष कर रहा है. धरना-प्रदर्शन, रैली व सम्मेलन के माध्यम से सरकार से मांग की जा रही है, लेकिन सरकार उदासीन बनी हुई है. राज्य की एनडीए सरकार कुरमी जाति को केवल वोट बैंक बनाकर रखना चाहती है, जो इसके निर्णयों में स्पष्ट दिखाई दे रहा है. 
झारखंड में कुरमी जाति की सबसे ज्यादा जनसंख्या होने के बावजूद कुरमी समाज से एक भी मंत्री नहीं बनाया गया है, जो झारखंड के इतिहास में पहली बार हुआ है. 
श्री ओहदार ने कहा कि देश के नवनियुक्त केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने झारखंड में मुख्यमंत्री रहते कुरमी जाति को एसटी सूची में शामिल करने की अनुशंसा की थी. लेकिन उस समय केंद्र में भाजपा की सरकार नहीं होने के कारण अनुशंसा को वापस कर दिया गया था. अभी  राज्य व केंद्र में भाजपा की सरकार है. 
 

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