नक्सली बढ़ती उम्र की वजह से समर्पण करते हैं, आत्मसमर्पण नीति की समीक्षा की जाए:भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माओवादियों द्वारा बढ़ती उम्र में पहुंचने पर सजा से बचने के लिए हथियार डालने की प्रवृत्ति का उल्लेख करते हुए कहा है कि ऐसे वामपंथी उग्रवादियों की 'आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास की नीति' की भी समीक्षा करने की जरूरत है। बघेल शनिवार को यहा नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने की। बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष, केन्द्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति में बदलाव की जरूरत पर बल देते हुए कहा, 'कई बड़े नक्सली जो केन्द्रीय कमेटी स्तर के हैं, वे 25-35 वर्षों तक हिंसक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं और बीमारियों से ग्रसित होने या बढ़ती उम्र के कारण आत्मसमर्पण करते हैं। वर्तमान नीति के कारण वे अंततः सजा पाने से बच निकलते हैं।' बघेल ने कहा कि देश में माओवादी उग्रवाद से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर रणनीति तथा समन्वित नीति बने। प्रभावित राज्य सरकारों की उसमें समुचित भूमिका हो ताकि ऐसी हिंसा के खिलाफ प्रदेश एकजुट होकर समन्वित कार्यवाही करें।