जनता दो महीने तक पेयजल किल्लत से जूझती रही, प्री मानसून की आहट पर भाजपा को याद आया धरना-प्रदर्शन

शहर में जनता बीते दो महीने से पेयजल संकट से जूझ रही है। पेयजल किल्लत से परेशान कॉलोनियों के लोग छोटे-छोटे समूह में एईएन व एक्सईएन दफ्तरों पर धरना- प्रदर्शन व विरोध जताते आए है, लेकिन ज्यादातर लोगों के साथ स्थानीय पार्षद नहीं पहुंचे। अब मानसून की आहट व गर्मी कम होने के बाद प्रदेश की विपक्षी पार्टी भाजपा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता जलदाय विभाग के दफ्तरों पर विरोध जताने के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे है।
 
किशनपोल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारी व पार्षद शनिवार को पूर्व विधायक व भाजपा शहर अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता व सांसद रामचरण बोहरा के साथ जलदाय विभाग के मिस्त्रीखाना दफ्तर पर पहुंच कर विरोध-प्रदर्शन किया। शहर अध्यक्ष व सांसद ने विभाग के एक्सईएन रामरतन डोई व निशा शर्मा को पेयजल को लेकर ज्ञापन भी दिया। हालांकि इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था, ऐसे में माहौल कंट्रोल में ही रहा। 
गर्मीय के दौरान लोगों ने पानी किल्लत को लेकर लगातार जलदाय विभाग के दफ्तरों पर विरोध जताया, लेकिन कांग्रेस व भाजपा नेताओं को बड़ा साथ नहीं मिला। ज्यादातर पार्षदों ने प्रदर्शन के बजाए केवल फोन पर ही अपनी बता रखी। लोगों का कहना है कि शहर में पानी के सरकारी टैंकरों का वितरण स्थानीय पार्षद व नेताओं की सिफारिश पर ही होता है। ये टैंकर जनता के बजाए पार्षदों के घर, रिश्तेदारों, ढाबों व अन्य जगह काम में लिए जाते है। एक टैंकर की बाजार कीमत 250 से 400 रुपए होती है। एक पार्षद के लिस्ट के अनुसार जलदाय िवभाग के इंजीनियर 5 से 10 टैंकर ट्रिप सप्लाई के िलए भेजते है। लोगों का आरोप है कि विरोध-प्रदर्शन में इंजीनियर टैंकर नहीं भेजने के डर से पार्षदों की ओर से जनता के साथ प्रदर्शन नहीं हुआ। इसे जनता परेशान होती रही। एेसे में पार्षदों के जरिए भेजे जाने वाले टैंकरों को बंद दिया जाना चाहिए।

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