महागठबंधन की नाव को मझधार में ले जा रहे मांझी, नहीं मिल रहे घटक दलों के सुर-ताल

लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार के बाद बिहार में महागठबंधन की नाव फंसी हुई नजर आ रही है। सालभर बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं, किंतु घटक दलों के सुर-ताल अलग-अलग हैं। गठबंधन की गांठ खुलती जा रही है। सबसे बड़े घटक दल के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव दो हफ्ते से 'गायब' हैं। इस बीच, सहयोगी दलों को सीटें बांटने की बेताबी है। न लोकसभा चुनाव में हार की संयुक्त समीक्षा, न आगे के लिए समन्वय।
खास बात कि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) प्रमुख जीतनराम मांझी ने विधानसभा की 35 सीटें अपने लिए तय कर ली हैं। रालोसपा भी पीछे क्यों रहती। उपेंद्र कुशवाहा को भी 27 सीटों से कम नहीं चाहिए। 

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