सरकार ने माना- बीज वितरण में बिचौलिए सक्रिय, अब नहीं होगी सीधी खरीदी

सरकार ने किसानों तक पहुंचने वाले बीज गुणवत्ताहीन होने की वजह तलाश ली है। कृषि विभाग ने मान लिया है कि बीज वितरण में बिचौलिए सक्रिय हैं, इसलिए गुणवत्ता सुनिश्चित करने नया सिस्टम बनाया गया है। अब विभाग सीधे निजी कंपनियों से बीज नहीं खरीदेगा। पहले राष्ट्रीय बीज निगम और सरकारी संस्था द्वारा उत्पादित बीज खरीदी को ही प्राथमिकता दी जाएगी।
पिछले कुछ सालों में नकली बीज से किसानों का आक्रोश झेल चुकी सरकार ने अब बीज प्रदाय प्रक्रिया का नया सिस्टम बनाया है। कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल ने 3 जून को किसानों को अनुदान पर मिलने वाले बीज की समीक्षा की थी। इसमें बीज की गुणवत्ता और मात्रा में गड़बड़ी की बात सामने आई थी। इसके चलते विभागीय योजनाओं में बीज खरीदी के लिए नई प्रक्रिया को शुरू कर दिया गई है। कृषि विभाग के अवर सचिव जितेंद्र सिंह परिहार ने नई गाइडलाइन संचालनालय को भेज दी है। 
सरकारी संस्थाओं को प्राथमिकता- कृषि विभाग ने तय किया है कि बीज देने के सिस्टम में बिचौलिए नहीं होना चाहिए, इसलिए राष्ट्रीय बीज निगम या शासकीय संस्थाओं द्वारा उत्पादित बीज ही खरीदे जाएंगे। यदि सरकारी संस्थाएं बीज की आपूर्ति करने में असमर्थ होंगी, तभी अन्य सप्लायर्स से बीज खरीदे जाएंगे। विभाग ऐसी निजी कंपनियों से बीज नहीं खरीदेगा, जिनके खिलाफ बीज वितरण में खराब गुणवत्ता की शिकायतें मिली हैं या वह ब्लैक लिस्टेड रह चुकी है। 
अफसरों की जिम्मेदारी तय- विभाग ने ब्लैक लिस्टेड बीज कंपनी से खरीदी पर जिम्मेदारी तय कर दी है। अगर ब्लैक लिस्टेड कंपनी से बीज खरीदा गया तो संबंधित अफसर के खिलाफ कार्रवाई होगी। अफसरों को ये भी देखाना होगा कि बीज कंपनी किसी दूसरे राज्य में तो प्रतिबंधित नहीं है। 

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