राजस्थान कांग्रेस में खींचतानः दो खेमे में बंटी पार्टी, एक दूसरे से कन्नी काट रहे गहलोत और पायलट
राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार की खींचतान सड़क पर आ गई है। पार्टी में खेमेबंदी अब खुलकर सामने आ रहे है। हाल ही में एक के बाद एक कुछ घटनाओं ने साबित कर दिया है कि कांग्रेस का संगठन और सरकार दो खेमों में बंट गया है। एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं, तो दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट। दोनों एक दूसरे का चेहरा भी नहीं देख रहे।
भंडाना (दौसा) में मंगलवार को पायलट के पिता व पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर आयोजित प्रार्थना सभा में सरकार के 15 मंत्रियों सहित 62 विधायक पहुंचे, लेकिन मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में नहीं आए। उन्हें सिर्फ ट्विटर के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके ठीक एक दिन बाद जब गहलोत जयपुर में एमएसएमई के एक पोर्टल की शुरुआत कर रहे थे तो कई बड़े मंत्री जयपुर में होने के बावजूद वहां नहीं गए।
पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में उपाध्यक्ष मुमजात मसीह का कमरा हाल ही में बदल दिया गया। गहलोत के करीबी माने जाने वाले मसीह को दो दशकों से आवंटित कमरे के बाहर वरिष्ठ उपाध्यक्ष की नेम प्लेट लगा दी गई और उन्हें बगल वाले कमरे में बैठने को कहा गया।
थोड़े दिन पहले टोंक में एक चालक की मौत के मामले में सत्तारूढ कांग्रेस के विधायक हरीश मीणा ही सरकार के खिलाफ धरने पर जा बैठे। पार्टी में खेमेबाजी के सवाल पर कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में बैठने वाले एक वरिष्ठ नेता ने हंसते हुए कहा,'यह सवाल तो बड़े नेताओं से पूछिए, वही कुछ बता पाएंगे।'