जलसंकट से जूझ रहे मध्य प्रदेश में कैसे होगा लागु पानी का अधिकार

हमारे एक यूजर ने रेज योर वौइस् के मदद से अपना मुद्दा उठाया और लिखा "मध्य प्रदेश में सूखा पड़ा हुआ है, कमलनाथ सरकार इसको लेकर क्या कर रही है ? क्या कुछ सरकार कदम उठा रही है, सरकार को यह जनता से अवगत करना चाहिए."
यह समस्या पोस्ट करने वाले यूजर मध्य प्रदेश हैं, जहां इस समय जल संकट एक बड़ी समस्या है. यही नहीं मध्य प्रदेश सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में सूखे की गंभीर हालत है.
हमें यह पोस्ट देखा तो पता लगाना शुरू किए की आखिर सरकार क्या कदम उठा रही है. हमने मध्य प्रदेश के जल मंत्रालय विभाग में बात की तो एक अधिकारी ने हमें बताया "कमलनाथ सरकार मध्य प्रदेश में राइट टू वॉटर यानि पानी का अधिकार लागू करने जा रही है. यह फैसला जल संकट को देखते हुए ही किया गया है. मध्य प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि वो अपने नागरिकों को स्वास्थ्य देखभाल के साथ पर्याप्त पानी की गारंटी पर विचार कर रही है."
अब आखिर फैसला क्या है ?
कमलनाथ सरकार हर नागरिक को कम से कम निश्चित मात्रा में पानी मिल सके ऐसी व्यवस्था करने जा रही है. पानी का अधिकार देने के लिए सरकार विधानसभा में कानून लाएगी.
क्या हैं चुनौतियां
पानी का अधिकार राज्य में लागू करना इतना आसान भी नहीं है. सरकार के सामने ये तमाम चुनौतियां हैं.
-जल स्रोत्रों की कमी.
-पहले ही कर्ज़ में डूबी है सरकार.पानी का अधिकार देने के लिए अथाह श्रम और धन की ज़रूरत होगी.
-नदियों को जोड़ने के लिए उठाने होंगे कदम.
-पेड़ और जंगल लगाना होगा.जबकि पिछली शिवराज सरकार में ही अकेले भोपाल में करीब ढाई लाख पेड़ काट दिए गए.
-सूखाग्रस्त क्षेत्रों में जल स्रोत्रों तैयार करना सबसे बड़ा काम.
हालांकि अगर ऐसा हो जाता है तो मध्य प्रदेश ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा.

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