दिल्ली विधानसभा चुनाव: केजरीवाल के बाद कांग्रेस का 'महिला कार्ड' !

साल 2020 की शुरुआत में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियों में महिला वोट बैंक को लुभाने की होड़ शुरू हो गई है. केजरीवाल सरकार द्वारा मेट्रो-बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त सफर के एलान के बाद अब दिल्ली कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्येक विधानसभा के जिला और ब्लॉक अध्यक्षों से तीन-तीन संभावित उम्मीदवारों के नाम देने को कहा है जिनमें कम से कम एक महिला जरूर हो.
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए जिला और ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों से प्रत्येक विधानसभा के लिए तीन नामों का पैनल मांगा है जिसमें एक महिला का नाम भी शामिल करने को कहा है. यानी जितने नाम आएंगे उनमें 33% महिलाऐं होंगी. 22 जून तक विधानसभा वार पैनल भेजने का निर्देश दिया गया है.
फ्री-राइड केजरीवाल का चुनावी स्टंट- कांग्रेस
तो क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कम से कम 33% महिला प्रत्याशी उतारने जा रही है? इस सवाल के जवाब में दिल्ली कांग्रेस के प्रवक्ता जितेंद्र कोचर ने कहा कि हम चाहते हैं कि महिलाओं की भागीदारी बढ़े. शीला दीक्षित ने दिल्ली नगर निगम में 50% महिला आरक्षण लागू किया था. हालांकि टिकट देते समय 'जिताऊ' फैक्टर ही अहम पैमाना होगा. कोचर ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित खुद महिला हैं और महिलाओं के अधिकार के लिए प्रतिबद्ध रही हैं. जहां तक केजरीवाल सरकार द्वारा मेट्रो-बस में मुफ्त सफर के एलान के काट का सवाल है कोचर ने कहा कि फ्री-राइड केजरीवाल का चुनावी स्टंट भर है.
वैसे हैरानी की बात ये है कि इस अहम फैसले के लिए हुई बैठक में दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष को ही आमंत्रित नहीं किया गया था. इस पर सफाई देते हुए पार्टी सूत्रों ने बताया कि ये जिला और ब्लॉक अध्यक्षों की बैठक थी इसलिए किसी भी फ्रंटल संगठन को नहीं बुलाया गया था.

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