65 विधानसभा क्षेत्रों में हार के कारण तलाशेगी कांग्रेस

लोकसभा चुनाव के नतीजों ने उत्तराखंड में कांग्रेस को इस कदर मायूस किया है कि पार्टी की आगे की चुनावी रणनीतिक योजना भी गड़बड़ा गई है। 2022 के विधानसभा चुनाव के अगले लक्ष्य की राह में सबसे बड़ी बाधा 70 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी का बुरा प्रदर्शन बन गया है। सिर्फ पांच विधानसभा क्षेत्रों में ही बामुश्किल पार्टी की लाज बची है। पार्टी के कुल 11 विधायकों में से सिर्फ चार ही अपने क्षेत्रों में पार्टी को मामूली बढ़त दिला पाए। ऐसे में 18 जून को पांचों संसदीय सीटों के प्रत्याशियों की मौजूदगी में होने वाली समीक्षा बैठक में विधायकों के साथ ही विधानसभा क्षेत्रों के कांग्रेस प्रत्याशियों को जवाब देना कठिन हो सकता है। इस हालात को देखते हुए माना जा रहा कि बैठक में हार के कारणों पर आत्म मंथन के साथ पार्टी के तमाम दिग्गज नेता बचाव की मुद्रा में ही दिखाई देंगे। 
प्रदेश में पांच संसदीय सीटों पर हार के कारणों पर चर्चा के लिए पार्टी ने 18 जून को प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में बैठक बुलाई है। बैठक की नई तारीख सभी संसदीय सीटों के प्रत्याशियों की उपलब्धता के आधार पर ही तय की गई है। इससे पहले बैठक आयोजित करने में प्रत्याशियों की व्यस्तता आड़े आ रही थी। बैठक में हार के कारणों के साथ आगे आने वाले समय की चुनौतियों पर भी चर्चा तय मानी जा रही है। उत्तराखंड में कांग्रेस आने वाले समय में अपनी साख बचा पाएगी या नहीं, ये गंभीर सवाल अब पार्टी के सामने खड़ा है।

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