छोटी पार्टियों के विलय प्रस्ताव पर RJD एकमत नहीं, मौका ढूंढ रही कांग्रेस

लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद महागठबंधन के छोटे दलों के आपसी विलय की चर्चा ने जोर पकड़ा. कांग्रेस ने तो खुलकर कहा कि छोटी पार्टियों का बड़े दलों में विलय हो जाना चाहिए. शुरुआत में आरजेडी ने भी यही बात कही, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है और नई रणनीतियों पर बातचीत आगे बढ़ रही है कई पार्टियों के भीतर विलय के प्रस्ताव पर एकमत नहीं है. यहां तक कि आरजेडी जैसी पार्टियों में अलग-अलग नेताओं के अलग-अलग विचार सामने आ रहे हैं.

राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश सिंह विलय के प्रस्ताव के समर्थन में हैं. वे कहते हैं,  भाजपा को चुनौती देने के लिये छोटे दलों के बड़ी पार्टियों में विलय समय की जरूरत है.
 

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