इनमें से कोई बन सकता है लोकसभा का स्पीकर !!

संसद के सत्र का भी वक़्त क़रीब आ रहा है लेकिन सत्ताधारी बीजेपी स्पीकर के नाम पर अब तक फ़ैसला नहीं कर पाई है. ज़ाहिर है लोकसभा का स्पीकर कोई बीजेपी सांसद ही बनेगा/बनेगी. एक बात यह भी है कि मोदी सरकार लोकसभा के उपाध्यक्ष का पद किसे देती है. अगर बीजेपी लोकसभा में सांसदी के आधार पर वरिष्ठता को देख स्पीकर के पद पर फ़ैसला करती है तो इस बार 303 सांसदों वाली बीजेपी में मेनका गांधी टॉप पर रहेंगी. वो आठवीं बार संसद पहुंची हैं.
पहली बार वो नौवीं लोकसभा के लिए चुनी गई थीं. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मेनका गांधी के नाम पर बीजेपी में सहमति नहीं है. दूसरा नाम मध्य प्रदेश में टीकमगढ़ सुरक्षित सीट से बीजेपी सांसद वीरेंद्र कुमार का है. कुमार सातवीं बार सांसद चुने गए हैं. वीरेंद्र कुमार पहली बार 1996 में 11वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए थे. ये मोदी के पहले कार्यकाल में मंत्री भी बने थे लेकिन इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है.
तीसरा नाम एएस अहलूवालिया का है. 1986 से सियासत की समझ और अनुभवों के चलते अहलूवालिया का नाम भी लोकसभा स्पीकर पद के लिए चल रहा है. अहलूवालिया चार बार राज्यसभा से सांसद रह चुके हैं. अहलूवालिया पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के दौर में कांग्रेस में शामिल हुए थे. बाद में वो बीजेपी से जुड़ गए.
साल 2014 में वो दार्जिलिंग लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे. इस बार अहलूवालिया दुर्गापुर-बर्धमान सीट से जीते हैं. हालांकि कांग्रेस बैकग्राउंड होने की वजह से अहलूवालिया को लोकसभा स्पीकर बनाया जाएगा, इसके आसार कम ही हैं.
लोकसभा स्पीकर के लिए पूर्व कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के नाम पर भी विचार हो सकता है. राधा मोहन छह बार सांसद रह चुके हैं. इन चुनावों में वो पूर्वी चंपारण सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश में बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान भी छह बार सांसद रह चुके हैं. वो 2019 चुनावों में खंडवा सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं.
 

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