BJP के इस प्रयोग को निकाय चुनाव में अपनाएगी छत्तीसगढ़ कांग्रेस

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं है की स्थिति बनी हुई है. लोकसभा चुनाव 2019 में मिली करारी हार ने पार्टी के तमाम निति-निर्धारकों की कलई खोल कर रखी दी है. आलम यह है कि अब बीजेपी कांग्रेस पर नकल की राजनीति करने की बात कह रही है. इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजियां भी तेज हैं. दोनों ही दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं.

दरअसल कांग्रेस लोकसभा चुनाव 11 में से 5 विधायक-महापौर को प्रत्याशी बनाई थी. जिसमें एक को छोड़कर अन्य चार बुरी तरह से हार गए. जबकी वहीं बीजेपी ने अपने दसों सांसद के टिकट काट नए चेहरों पर दांव लगाया और 11 में से 9 सीटों पर बंपर जीत हुई. कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में मिली इस करारी हार के बाद पार्टी ने दो दिवसीय मंथन के बाद इस हार को पीछे छोड़ने का निर्णय लिया और आगामी नगरीय निकाय चुनाव में नए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र तिवारी का कहना है कि निकाय चुनाव को लेकर पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है. ये रणनीति उसी का हिस्सा है.

दरअसल सत्ताधारी दल कांग्रेस को इस बात का इल्म है कि अगर नगरीय निकाय चुनावों में पार्टी की हार हुई तो बची हुई साख पर भी बट्टा लग जाएगा. सत्ताधारी दल की साख बची रहे इसलिए कांग्रेस ने नए चेहरों पर दांव लगाने का निर्णय लिया है. कांग्रेस भले ही अपनी साख की दलील दे रही हो मगर सच तय है कि बीजेपी ने दिल्ली में नगरीय निकाय चुनावों में के बाद छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में यह फार्मुला अपनाया और दोनों ही जगहों पर बीजेपी की बंपर जीत मिली. रायपुर सांसद सुनील सोनी का कहना है कि अब अगर बीजेपी की राह पर कांग्रेस चलने की तैयारी करेगी तो कांग्रेस पर डुप्लिकेशी का आरोप तो लगेगा ही.

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