आखिर 65 की जगह 60 सीटें ही क्यों जीतना चाहती है बीजेपी?

भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) चुनावों के लिए  हमेशा एक्शन मोड में रहने वाली पार्टी बन गई है. बीजेपी चुनाव के लिए हमेशा तैयार रहती है. बीजेपी किसी भी राज्य के चुनाव में बड़ा टारगेट रखती है, इसके लिए पार्टी के कार्यकर्ता से लेकर अध्यक्ष तक जान झोंक देते हैं. लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में बीजेपी के लिए राह आसान नहीं है.
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की. इस चुनाव में दिल्ली की सातों सीटों पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया है. वहीं 6 महीने बाद ही दिल्ली में विधानसभा का चुनाव है, जिसको लेकर बीजेपी ने तैयारियां शुरू कर दी है.
इस चुनाव को जीतने के लिए रणनीति तैयार की जा रही है, जिसके मद्देनजर लगातार बैठकें बुलाई जा रही हैं. इन बैठकों में लोकसभा चुनाव में बूथ वाइज कहां कमी रही और कहां काम करने की जरूरत है, इसे लेकर दिल्ली बीजेपी के संगठन मंत्री सिद्धार्थन विधानसभा वाइज नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं.
हैरानी की बात यह है कि अभी कुछ ही दिन पहले विपक्ष का सूपड़ा साफ करने वाली दिल्ली बीजेपी दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों की जगह 60 सीटों को ही क्यों जीतना चाहती है. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली के 70 विधानसभा सीटो में से 60 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. इसके मद्देनजर 8 और 9 जून को बैठक बुलाई जाएगी जिसमें किस सीट पर कैसा समीकरण तय करना है इस पर चर्चा की जाएगी.
बीजेपी के चुनावी विश्लेषण के मुताबिक विधानसभा सीटों के मुताबिक बीजेपी को दिल्ली में 65 सीटों पर बंपर जीत हासिल हुई है तो वहीं 5 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी कांग्रेस से पिछड़ गई है.
दिल्ली लोकसभा में 7 सीटें हैं और हर सीट के अंतर्गत करीब 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इन बूथों पर पड़े वोटों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि दिल्ली के 13,816 बूथों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है लेकिन 10,088 बूथों पर बीजेपी की हार हुई है. इन बूथों में ज्यादातर मुस्लिम बहुल इलाके हैं तो कुछ क्लस्टर इलाके भी हैं.

More videos

See All