बिजली पर घिरी सरकार, विपक्ष ने मांगा इस्तीफ़ा और सीएम ने अफसरों को चेताया

मध्य प्रदेश में बिजली की अघोषित कटौती पर सियासत तेज़ हो गयी है. ये समस्या केवल जनता के लिए ही नहीं बल्कि सरकार के लिए भी सिर दर्द बन चुकी है. अब इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ एक्शन मोड में आए हैं.

 प्रदेश में कॉग्रेस सरकार लंबे समय बाद आई है.मध्यप्रदेश को सरप्लस बिजली उत्पादन का दर्जा प्राप्त है बावजूद इसके ना तो बिजली का सहीं मेंनटेनेंस हो पा रहा है ना ही बिजली की दर में कमी आई है.राहत इंदौरी के ट्वीट के बाद मामले पर सियासी पारा कुछ ज्यादा ही चढ़ गया है.अघोषित बिजली कटौती से परेशान होकर इंदौरी ने मुख्यमंत्री से मदद मांगी.इसके बाद से जैसे बीजेपी ने सरकार को घेरे में ले लिया और सोशल मीडिया महाभारत के मैदान में बदल गया.सीएम ने मामले पर ध्यान देते हुए कहा कि अब वे खुद विद्युत वितरण और शिकायतों के काम की मॉनिटरिंग करेंगे और समय-समय पर जिम्मेदार अधिकारियों से रिपोर्ट भी लेंगे.
प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आ रही ऐसी खबरों के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री ने इस संबंध में अहम बैठक बुलाने वाले हैं. इसमें अलग-अलग बिजली कंपनियों के आला अफसर और अधिकारी मौजूद रहेंगे.

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