पंजाब और हरियाणा में भी अब जानवरों को मिलेंगे कानूनी अधिकार, हर नागरिक होगा पशुओं का संरक्षक

उत्तराखंड हाई कोर्ट की तरह पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने आसमान, धरती और जल में रहने वाले सभी जीव-जंतुओं को विधिक दर्जा प्रदान किया है। कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए जीव जंतुओं के पूरे साम्राज्य को मानव की तरह ही कानूनी अधिकार, कर्तव्य और जिम्मेदारियां दी हैं। इससे पहले 2018 में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अपने राज्य के सभी जंतुओं को विधिक दर्जा दिया था। 
मामले में आदेश पारित करने वाले जज राजीव शर्मा एक केस की सुनवाई कर रहे थे जिसमें 29 गायों को दो ट्रकों में क्रूर तरीके से भरकर हरियाणा के करनाल से यूपी ले जाया जा रहा था। इतना ही नहीं, जज राजीव शर्मा ने जानवरों के कल्याण और रक्षा के लिए राज्य के लोगों को उनका संरक्षक घोषित कर दिया है। हिंदू पौराणिक कथाओं को कोट करते हुए जस्टिस शर्मा ने कहा कि प्रत्येक जानवर भगवान से जुड़ा हुआ है और इस तरह उन्हें भी जीने के लिए जन्मसिद्ध अधिकार और कानून का सरंक्षण मिलना जरूरी है। 

राजीव शर्मा ने आगे कहा, 'जानवरों के अधिकार और गोपनीयता का भी सम्मान किया जाना चाहिए और गैरकानूनी हमले से उन्हें बचाया जाना चाहिए।' हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार और प्रशासन को पशुओं के खिलाफ क्रूरता निवारण अधिनियम को सख्ती से लागू करने के साथ जानवरों को ट्रांसपोर्ट करने के लिए एक सीमा, शर्तें, नियम और मानदंडों का निर्धारण करने के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए हैं। बता दें कि पिछले साल इसी तरह का आदेश उत्तराखंड हाई कोर्ट में जस्टिस राजीव शर्मा की पीठ ने सुनाया था। पिछले साल की उनका ट्रांसफर उत्तराखंड से हरियाणा व पंजाब हाई कोर्ट में हुआ है। 

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