कांग्रेस के 4 नेता छह माह में हारे दो चुनाव, न विधायक बन सके न सांसद

प्रदेश कांग्रेस के चार नेता महज छह माह के भीतर दो बड़े चुनाव हार गए। दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में न तो विधायक का चुनाव जीत पाए और न ही 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सफलता मिल पाई। लगातार दो चुनाव में हार में मिली करारी हार के बाद इन नेताओं के राजनीतिक भविष्य पर सवाल खड़ा होने लगा है। कांग्रेस ऐसे प्रत्याशियों के बजाय नए चेहरे मैदान में उतारने पर विचार कर सकती है
भाजपा में मानवेंद्र की लड़ाई सीधे वसुंधरा राजे से थी। कांग्रेस में शामिल होते ही मानवेंद्र झालरापालटन  से चुनाव लड़ेने पहुंच गए। यहां मानवेंद्र की बुरी हार हुई। उस हार से मानवेंद्र जब तक संभलते तब तक लोकसभा चुनाव आ गया। इसमें वह परंपरागत सीट बाड़मेर से चुनाव लड़े, पर भाजपा के कैलाश चौधरी से हार गए। 
रघुवीर मीणा कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हंै। 2014 के लोकसभा चुनाव उदयपुर से हारे फिर 2018 के विधानसभा चुनाव में हारे। इसके बाद भी कांग्रेस ने मीणा पर भरोसा जताया। मीणा को 2019 के लोकसभा चुनाव में उदयपुर से मैदान में उतार दिया, लेकिन मीणा को लगातार तीसरी बार हार का सामना करना पड़ा।
श्रवण कुमार कांग्रेस के चर्चित चेहरे थे, लेकिन कांग्रेस के पक्ष में माहौल होने के बावजूद उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में सूरजगढ़ सीट से चुनाव हार गए। इसके बाद श्रवण कुमार को कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में झुझुनू सीट से मैदान में उतारा। पर इस चुनाव में भी वह हार गए।  
 

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