प्रदेश अध्यक्ष के पास पहुंचीं शिकायतें, मतदान के दिन विरोधियों के पंडाल में बैठे थे कांग्रेसी
हरियाणा में लोकसभा चुनाव में हार के बाद से ही कांग्रेस पूरी तरह से सकते में हैं। कांग्रेस को प्रदेश में इतनी करारी हार की उम्मीद कतई नहीं थी। इस चुनाव में हैवीवेट प्रत्याशियों को मैदान में उतारकर कांग्रेस ने यह बता दिया था कि मोदी लहर के बावजूद पार्टी प्रदेश में चुनावी मुकाबले को पूरी ताकत के साथ लड़ेगी। लेकिन जनादेश को देखकर कांग्रेस पूरी तरह से हैरान और परेशान है। इसके चलते अभी तक कांग्रेस मंथन मोड में है। हार की समीक्षा करने के लिए एक बैठक दिल्ली में हो चुकी है और अगली बैठक 4 जून को दिल्ली में ही आयोजित होगी। इसकी अध्यक्षता हरियाणा प्रभारी गुलाम नबी आजाद करेंगे। बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी और सभी प्रत्याशियों एवं अन्य दिग्गज नेताओं को बुलाया गया है।
बैठक से पहले प्रदेश कांग्रेस सूबे में उन भितरघातियों की सूची तैयार करेगी, जिन्होंने अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए काम न करते हुए पूरी तरह से अपनी असक्रियता दिखाई। इतना ही नहीं कई जगह तो अपनों ने ही कांग्रेसी प्रत्याशियों की खुलकर मुखालफत भी की, जिस वजह से चुनावी रण में भी कांग्रेस बिखरी हुई दिखाई दी।
इतना ही नहीं प्रदेश कांग्रेस के समक्ष यह भी शिकायतें आई हैं कि मतदान के दिन कई बूथों पर तो कांग्रेसी अपने प्रत्याशी के लिए काम करने के बजाए विरोधी दलों के बूथों व पंडालों में खुलेआम बैठे रहे।
इसी के तहत प्रदेश कांग्रेस ने बूथवार हार-जीत की समीक्षा शुरू करवा दी है। ये रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है कि किन बूथों पर कांग्रेस जीती और कहां हारी। बूथ इंचार्ज कौन थे और वहां हार के कारण क्या रहे।
भितरघातियों की सूची और हार के सभी कारणों की पूरी रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को सौंपी जाएगी। दूसरी ओर हार के बाद संगठन पर उठ रहे सवालों को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस अब जल्द ही जिला और ब्लाक स्तर पर पदाधिकारियों की नियुक्तियों की प्रक्रिया भी शुरू करेगी।