मनजीत सिंह का बड़ा बयान, कहा - 140 करोड़ की प्रॉपर्टी 1 रुपए में दूंगा

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. ने कमेटी नेताओं को उन पर तथ्यहीन आरोप लगाने को लेकर चेतावनी दी है। कल पूर्व कमेटी अध्यक्ष अवतार सिंह हित द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए जी.के. मीडिया के सामने आए। इस दौरान वह कमेटी अध्यक्ष मनजिन्दर सिंह सिरसा व अवतार पर जमकर बरसे। उन्होंने किसी औरत द्वारा दान में दी गई 140 करोड़ की एक प्रॉपर्टी अपने नाम पर करवाने के अवतार हित के दावे को साबित करने की भी चुनौती दी।
जी.के. ने करोल बाग में हित के द्वारा 140 करोड़ की कमेटी की प्रॉपर्टी को अपने नाम पर करवाने के किए गए दावे को काल्पनिक बताते हुए अवतार हित को प्रॉपर्टी की सेल डीड लाकर 1 रुपए में कमेटी के नाम प्रॉपर्टी करवाने की भी पेशकश की।
मंजीत सिंह जी.के. ने बताया कि सरना की अध्यक्षता के काल में 27 मई 2005 को मेहताब कौर पत्नी तीर्थ सिंह ने अपनी रिहायशी जायदाद 17बी/19 देशबंधु गुप्ता रोड तथा टी-1715 देवनगर और व्यावसायिक जायदाद के तौर पर सदर थाना रोड पर स्थित अपनी दुकानों की कमेटी के नाम वसीयत की थी।
मेहताब कौर की मौत के बाद जब उनके परिवारजनों को उनकी वसीयत के बारे पता चला तो उन्होंने 2013 में कोर्ट में दावा किया कि मेहताब ने वसीयत में अपनी मलकियत में प्रॉपर्टी का पूरा हिस्सा बताया जबकि वह आंशिक हिस्से की मालिक थी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया जिसके बाद कमेटी को सदर बाजार की दुकानें मिली थीं इसलिए यदि वह इन प्रॉपॢटयों में से किसी भी प्रॉपर्टी की मेरे नाम से रजिस्ट्रार के दफ्तर में पंजीकृत सेल डीड ले आते हैं तो मैं केवल 1 रुपए के बदले 140 करोड़ की प्रॉपर्टी कमेटी को दे दूंगा।
मंजीत जी.के. ने दावा किया कि अवतार हित के कथित भ्रष्टाचार व कुकर्मों के कारण ही दिल्ली में अकाली दल मृतप्राय: अवस्था में आ गया था जिसके बाद 2008 में सुखबीर सिंह बादल उनके घर आए थे तथा हित द्वारा पार्टी की तबाही का हवाला देते हुए मुझे प्रदेश इकाई बतौर अध्यक्ष संभालने की पेशकश की। अध्यक्ष बनने के बाद सबसे पहले मैंने अकाली दल दफ्तर में रखा हित का डबल बैड बाहर किया था। जी.के. ने पूछा कि पार्टी दफ्तर में डबल बैड पर क्या होता था इस बारे अवतार हित बोल पाएंगे?

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