धार्मिक आजादी की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी: फारूक अब्दुल्ला

नेकां प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि देश की धर्मनिरपेक्ष छवि को सांप्रदायिकता की भावना से खतरा पैदा हो रहा है। आज जरूरत इस बात की है कि धार्मिक आजादी की रक्षा तथा कानून के राज की स्थापना के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएं। 
उन्होंने कहा कि उत्तरी भारत में कई स्थानों पर मुस्लिमों पर हमले पीड़ादायक हैं। देश में सांप्रदायिकता के उभार का सभी धर्मनिरपेक्ष शक्तियों की ओर से मुकाबला किया जाना चाहिए। 

सांप्रदायिक विद्वेष हमारे समाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। यह नए सरकार को तय करना है कि वह सांप्रदायिकता को बढ़ावा देना चाहती है। विकास तब तक संभव नहीं है जब तक कि देश के 25 करोड़ मुस्लिम इस कहानी के अंग नहीं होंगे। 

अब हम देखना चाहते हैं कि देश के किसी भी कोने में मुस्लिम पुरुष व महिलाओं पर हमले न हों। केंद्र सरकार के समक्ष इस प्रकार की घटनाओं को रोकना सबसे बड़ी चुनौती होगी। 

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