मोदी के शपथ से पहले ममता बैठेंगी धरने पर, जाने क्यों !!

दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे नरेंद्र मोदी के साथ सियासी लड़ाई को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बहुत आगे ले जाने के मूड में हैं. 30 मई को नरेंद्र मोदी पीएम पद की फिर शपथ लेने जा रहे हैं, वहीं 30 मई को ही ममता बनर्जी धरने पर बैठने वाली हैं. ममता बनर्जी उत्तर 24 परगना के नैहाटी नगरपालिका के सामने धरने पर बैठेंगी. यहां यह बताना दिलचस्प है कि नैहाटी नगरपालिका के पार्षद भी मंगलवार को टीएमसी का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक ममता बनर्जी उन टीएमसी कार्यकर्ताओं के समर्थन में धरने पर बैठने वाली हैं जो चुनाव के दौरान हिंसा की वजह से सड़क पर आ गए हैं.
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लंबी चलेगी पश्चिम बंगाल की जंग
नरेंद्र मोदी द्वारा शपथ ग्रहण के दिन ही धरने पर बैठने का ऐलान कर ममता बनर्जी ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि लोकसभा चुनाव की जंग में भले ही वह पिछड़ गई हों, लेकिन वह इस राजनीतिक जंग से पीछे हटने वाली नहीं हैं. ममता ने अपने धरने की वजह हालांकि राजनीतिक कार्यकर्ताओं का बेघर होना बताया है, लेकिन उनका असली मकसद लोकसभा चुनाव में हुई हार के बाद जनता की संवेदना बटोरना है.
शपथग्रहण का न्यौता ठुकराया
बता दें कि ममता बनर्जी ने पहले नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण में शामिल होने पर सहमति दे दी थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपना फैसला बदल दिया. ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण में न आने की वजह बताते हुए कहा कि बीजेपी झूठ प्रचारित कर रही है कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा में बीजेपी के 54 कार्यकर्ताओं की मौत हुई है. ममता ने कहा कि ये पूरी तरह से झूठ है, बंगाल में राजनीतिक हत्याएं नहीं हुई हैं. उन्होंने कहा कि ये मौतें निजी रंजिश, पारिवारिक झगड़े का परिणाम हो सकती हैं. ममता ने सॉरी कहते हुए लिखा है कि वे उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो रही है.
चुनाव के बाद साथ छोड़ चुके हैं 4 MLA
ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद अपनी पार्टी में मची खलबली से सकते में हैं. लोकसभा चुनाव नतीजों में ममता को तो शिकस्त मिली ही, इसके बाद भी ममता के नेता, विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की कुल 42 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 18 सीटों पर जीत हासिल की है वहीं टीएमसी 22 सीटें जीती है. BJP को करीब 40 फीसदी वोट बंगाल में मिला है.
मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के दो और सीपीआई (एम) के एक विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. इसके अलावा 40 पार्षदों ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया. इनमें कचरापारा, नैहाटी और हलिशहर के पार्षद थे. ममता जहां गुरुवार को धरना दे रही हैं वहां के पार्षद भी बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए थे. आज भी दीदी का एक मुस्लिम विधायक टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. पार्टी में मची खलबली से ममता बनर्जी काफी नाराज हैं. बीजेपी का कहना है कि वो खुद किसी को अपने खेमे में नहीं ला रहे हैं, लेकिन अगर कोई उनकी पार्टी में आना चाहता है तो वे किसी को नहीं रोक सकते हैं.  

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