पहले ट्रांसफर-पोस्टिंग में लगे रहे, चुनाव हारे तो ठीकरा ब्यूरोक्रेसी पर फोड़ा !

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी 25 सीटों पर लोकसभा चुनाव क्या हारी, पार्टी में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों और, संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में हायतौबा मची हुई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को बयान जारी करके मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों को बयान जारी नहीं करने की नसीहत दी गई है।
वहीं चुनाव हारने पर कई मंत्रियों ने इस हार का ठीकरा ब्यूरोक्रेसी पर फोड़ दिया है। लेकिन कांग्रेस के मंत्री और विधायक, और पदाधिकारी यह गलती नहीं मान रहे है कि खुदकी सरकार बनने के बाद एक-डेढ़ महीने तक ट्रांसफर पोस्टिंग में लगे रहे और अपने चेहतों अफसरों को मलाईदार पदों पर या मनचाही जगह पर लगाने को लेकर काम करते रहे। मंत्रियों, विधायकों ने जनहित के कार्य छोड़कर सिर्फ एक महीना ट्रांसफर पोस्टिंग के कामकाज में लगा दिया। जबकि इन सभी कांग्रेसी मंत्रियों, विधायकों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पता था कि लोकसभा चुनाव आने वाले है, लेकिन विधानसभा चुनाव में जीत से अति उत्साही कांग्रेसी सिर्फ ट्रांसफर पोस्टिंग और अन्य कार्यों की सेटिंग में लगे रहे।
यही हाल पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के वक्त था। जब पूर्ववर्ती भाजपा सरकार अलवर, अजमेर लोकसभा उपचुनाव और मांडलगढ़ विधानसभा उपचुनाव हार गई, तो भाजपा के नेताओं ने भी ब्यूरोक्रेसी पर ठीकरा फोड़ दिया था। 

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