केरल से अकेली महिला एमपी राम्या हरिदास की कहानी

क्या आज की परिस्थितियों में आप बिना पैसे के चुनाव लड़ने की सोच सकते हैं ?
बिना पैसे के चुनाव जीत सकते हैं ?
चुनाव लड़ने की बात दिमाग में आते ही सबसे पहले पैसे और पावर की पॉलिटिक्स याद आती है. एक बार को यह भी लगता है की शायद इसके बिना कोई चुनाव नहीं लड़ा जा सकता या फिर यूँ कहें की जीता नहीं जा सकता है. लेकिन राम्या हरिदास की कहानी बड़ी दिलचस्प और इस सोच को नकारने पर मजबूर करने वाली है.
कहानी उस मजदुर की लड़की की जो सीपीएम के गढ़ में फ़तेह क्र सांसद बनी
उस लड़की की जो करीब 1 लाख 58 हजार वोट  से जीत कर केरल की दूसरी दलित महिला सांसद बनी.
राम्या कौन है -राम्या केरल की एक 33 साल की लड़की है ,जो एक बहुत अच्छी सिंगर है ,राम्या, गाँधी टैलेंट हंट की टोपर रह चुकी है जो की 2010 में भविष्य के लिए नेता चुनने के लिए आयोजित किया गया था .सांसद बनने से पहले वह कोझिकोड म्युनसिपाल्टी की प्रमुख थीं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें लोकसभा इलेक्शन के लिए सलेक्ट किया था। वह अकेली ऐसी महिला हैं जो केरल से सांसद के लिए चुनी गई हैं। लेकिन इसके  पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा यह है की राम्या अपने चुनाव के दौरान प्रचार-प्रसार खुद गाना गा कर करती थी. विरोधियों द्वारा "गर्ल नेक्स्ट दूर" नाम देकर मजाक उड़ाया जाने लगा. लेकिन जब चुनावी नतीजे आए तो राम्या ने करीब 1.58 लाख के मार्जिन से जीत हासिल कर इतिहास रचा. तो ये थी राम्या हरिदास की कहानी

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