जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भी कांग्रेस के लिए आसान नहीं राह

लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में खाता खोलने में विफल रही कांग्रेस के लिए विधानसभा चुनाव की भी राह आसान रहने वाली नहीं है। लगातार तीसरे चुनावी झटके से कार्यकर्ताओं का हौसला भी पस्त दिख रहा है। 2014 लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस शून्य पर सिमट गई थी। विधानसभा चुनाव में पार्टी खास नहीं कर पाई थी। अब फिर से विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ऐसे में चुनौती है कि पार्टी क्या चार माह में अपने खोए जनाधार को वापस ला पाएगी।
यह ऐसा सवाल है, जिसका जवाब पार्टी नेताओं के पास भी नहीं है। पार्टी के सामने अपना आधार मजबूत करने, कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की चुनौती है। इसके अभाव में जमीनी सतह पर कैडर की कमी दिख रही है और नेताओं, कार्यकर्ताओं का अन्य पार्टियों की ओर पलायन बढ़ रहा है।

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